Homeबड़ी ख़बरेंपनियहवा में गंडक नदी पर बनेगा एकऔर रेल पुल, लोगों में खुशी

पनियहवा में गंडक नदी पर बनेगा एकऔर रेल पुल, लोगों में खुशी

नेबुआ नौरंगिया कुशीनगर,कुशीनगर पनियहवा-वाल्मीकिनगर रेल खंड के बीच नारायणी(गंडक) नदी गंडक पर रेलवे का एक और विशाल पुल बनने जा रहा है। इस पर केवल ट्रेन चलेगी। रेलवे प्रशासन ने इस नए पुल की स्वीकृति प्रदान कर दी है। निर्माण संगठन द्वारा टेंडर प्रक्रियाओं भी शुरू कर दी गई है। टेंडर पूरा होते ही निर्माण कार्यशुरू कर दिया जाएगा। यह पुल गोरखपुर-वाल्मीकिनगर रेलदोहरीकरण परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके बनजाने से उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच रेल संपर्क और मजबूत होगा। इसकी सूचना मिलते ही खड्डा क्षेत्र के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है। गोरखपुर-वाल्मीकिनगर रेल मार्ग का दोहरीकरण कार्य चल रहा है।गोरखपुर कैंट से वाल्मीकिनगर तक रेल दोहरीकरणपरियोजना कार्य पांच चरणों में पूरा किया जा रहा है। गोरखपुरकैंट-पिपराइच (16.09 किमी), पिपराइच-कप्तानगंज (19.72किमी),कप्तानगंज-सिसवा बाजार (26.16 किमी), सिसवा बाजार-पनियहवा (20.87 किमी)तथा,पनियहवा-वाल्मीकिनगर (13.10 किमी) के पहले चरण का कार्य तेजी से चल रहा है। इसमें नई रेल लाइन बिछाने, पुल निर्माण और‌स्टेशन भवनों के विकास का काम शामिल है। इसमें पनियहवा में गंडक नदी पर रेलवे का 854 मीटर लंबा नया निर्माण भी होना शामिल है। रेलवे द्वारा जारी निविदा केअनुसार गंडक नदी पर पुल संख्या-50 के रूप में यह नया रेलपुल 854 मीटर लंबा होगा। इसके निर्माण से टेनों कीआवाजाही में सुगमता आएगी और इस रूट पर लाइन क्षमतामें बड़ी वृद्धि होगी। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य,जनसंपर्क,अधिकारी,पंकज,कुमार,सिंह,ने,बताया,कि,गोरखपुर,कैंट-वाल्मीकिनगरदोहरीकरण परियोजना के तहत गंडक नदी पर नया पुल बनाया जाएगा। यह पुल लाइन क्षमता बढ़ाने में सहायक होगा।इससे ट्रेनों की संख्या और गति दोनों में वृद्धि होगी। संजय हमदर्द, सुनील गुप्ता, अशोक जायसवाल, बबलू यादव, अभयप्रताप यादव सहित अन्य लोगों का कहना है कि गंडक नदी पर रेलवे का नया पुल बनने से क्षेत्रीय विकास को नई रफ्तार मिलेगी। वहीं इस परियोजना के पूरा होने के बाद दिल्ली, मुंबई,हरियाणा, अमृतसर, मुरादाबाद जैसे बड़े शहरों से गोरखपुर होते हुए बिहार की ओर नई ट्रेनों का संचालन संभव होगा।इसके साथ ही मालगाड़ियों के आवागमन में भी सुगमताआएगी। इससे व्यापारिक और औद्योगिक विकास को नई गतिमिलेगी। यह परियोजना पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के सीमावती क्षेत्रों में परिवहन, पर्यटन और स्थानीय के लिए वरदान साबित होगी।

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