
नेबुआ नौरंगिया कुशीनगर जयनाथ राव इंटरमीडिएट कॉलेज बरवारतनपुर खड्डा कुशीनगर में स्वतंत्र भारत के प्रथम उपप्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री,स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक,पेशे से वकील, प्रशासन में प्रवीण,लौह पुरुष के नाम से विख्यात सरदार बल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती बड़े ही हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ सरदार पटेल के चित्र पर पुष्प अर्पित कर सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत के साथ हुआ। तत्पश्चात सरदार पटेल के कीर्ति एवं देश के प्रति समर्पण और त्याग के बारे में सर्वप्रथम सामाजिक विज्ञान शिक्षक संजय कुमार शाही ने बताया।हिंदी प्रवक्ता रणजीत सिंह ने कहा कि सरदार पटेल की भूमिका अत्यंत ही महत्वपूर्ण रही देश को अखंड भारत बनाने में क्योंकि तत्कालीन समय में पूरा भारत 562 रियासतों में बटा हुआ था और उन सबको भारत में विलय करना आसान नहीं था लेकिन सरदार पटेल के कुशल रणनीति ने बड़े ही सूझ बूझ के साथ 559 रियासतों को भारत में विलय कर दिया साथ ही तीन रियासतों जूनागढ़,हैदराबाद एवं जम्मू कश्मीर को भी अपने कठोर आत्म बल एवं दृढ़ संकल्पना के साथ भारत में विलय का कार्य किया।जीव विज्ञान शिक्षक हरिशंकर साहनी ने भी सरदार पटेल के जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही।प्रधानाचार्य धनंजय कुमार ने अपने संबोधन में बताया कि सरदार पटेल एकता और अखंडता के अग्रदूत थे और उनके त्याग और बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता क्योंकि जब जूनागढ़ और हैदराबाद के निजाम स्वतंत्र रहने की इच्छा व्यक्त की तो सरदार पटेल ने आपरेशन पोलो चलाकर एक रात में उनको घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया परन्तु एक रियासत जम्मू कश्मीर बहुत दिनों तक परेशानियों का सबब बना रहा लेकिन सन् 2019 में वर्तमान सरकार एवं गृह मंत्री के पहल से धारा 370 और 35A हटा कर अखंड भारत के सपनों को साकार किया है।और यही कारण है कि सरदार पटेल के जन्मदिवस को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।और उनके सम्मान में गुजरात के काठियाड में सरदार सरोवर बांध के किनारे 182 मीटर ऊंची लौह प्रतिमा बनाई गई है जिसे स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के नाम से जाना जाता है जिसे दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा की ख्याति प्राप्त है।साथ ही सभी बच्चों को अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्पना के साथ संघर्षरत रहने की प्रेरणा देते हुए सभी बच्चों के प्रति स्नेह व्यक्त करते हुए शिक्षकों एवं शिक्षिका बहनों तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को शुभकामनाएं दी।इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक जयप्रकाश सिंह,राजेश गुप्ता,अम्बरीष सिंह,पंकज सिंह,रामदरश शर्मा,सर्वेश मालवीय, सुशील श्रीवास्तव,राकेश प्रजापति,गोलू तिवारी,इमरान,रामनाथ चौधरी,सुनील राव,आशा, नीलम, बबीता, गिरजा, श्रेया आदि उपस्थित रहे।संचलन हिंदी शिक्षक त्रिलोकीनाथ ने किया।




